नौतनवा रेलवे स्टेशन यात्री सुविधाओं को चिढ़ा रहा मुंह
नौतनवा रेलवे स्टेशन यात्री सुविधाओं को चिढ़ा रहा मुंह ——-
रेलवे स्टेशन की स्थापना आजादी के पूर्व अंग्रेजों द्वारा कराई गई थी।
आईएन न्यूज नौतनवा / महरागरांज
स्थानीय रेलवे स्टेशन पर समस्याओं का अंबार है। यहां न तो यात्रियों के बैठने का समुचित इंतजाम है और ना ही शुद्ध पेयजल की व्यवस्था। गर्मी का मौसम शुरू हो रहा है हैन्ड पम्प व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रहा है। प्लेटफार्म जगह-जगह से टूट रहा है तो धूप व बरसात रोकने के लिए लगाया गया टिनशेड भी क्षतिग्रस्त है। स्टेशन की सुरक्षा भगवान भरोसे है। प्रतिदिन औसतन एक लाख रुपए से अधिक आय प्राप्त करने वाला यह रेलवे स्टेशन यात्री सुविधाओं को लेकर पूरी तरह से लापरवाह बना हुआ है। जिससे यात्रियों में आक्रोश है।
बताया जाता है कि इस रेलवे स्टेशन की स्थापना आजादी के पूर्व अंग्रेजों द्वारा कराई गई थी। स्थापना काल के ही ईट, दीवारें व भवन भी मौजूद हैं। यहां से प्रतिदिन सामान्य टिकट से यहां 15 से 25 हजार रुपए का आरक्षण से 30 से 40 हजार रूपए औसतन आय होती है।
उत्तर प्रदेश और नेपाल, चीन और तिब्बत देश के यात्री यहां से ट्रेन पकड़ने के लिए आते हैं। बैठने का पर्याप्त इंतजाम नहीं होने से यात्री प्लेटफार्म पर नीचे बैठकर ट्रेन के आने की प्रतीक्षा करते हैं। शौचालय तो है लेकिन यह गंदगी से पटा है इसमें हमेशा ताला बंद रहता है। जब भी किसी यात्री को शौच जाना होता है तो वह खुले में शौच जाने को मजबूर होता है। स्टेशन परिसर में लगा इंडिया मार्का हैंडपंप कई महीनों से खराब पड़ा है जिससे यात्रियों को पानी की किल्लत उठानी पड़ती है। यहां पर लगी टोटियां भी हमेशा सुखी रहती हैं ट्रेन रुकने पर यात्रियों का हुजूम प्यास बुझाने के लिए हैंड पंप और टूटी की तरफ़ दौड़ता है तो उसे निराशा ही हाथ लगती है। प्रतीक्षालय में हमेशा ताला लगा रहता है । यहां छुट्टा पशुओं ने अपना बसेरा बना लिया है स्टेशन परिसर के चारो तरफ गंदगी फैली हुई है। स्टेशन के बाहर बेतरतीब खड़े वाहन यात्रियों की मुसीबत हर रोज बढ़ाते हैं। यहां किसी भी ट्रेन के आने के बाद जाम की स्थिति से जुड़ना पड़ता है। इस संबध मे अधीक्षक डीके श्रीवास्तव का कहना है कि समस्याओ के बावत. समय समय पर उच्चाधिका रियो को अवगत कराया जाता है तथा समस्याओ का समाधान भी