कहीं गलत राह पर तो नहीं जा रही राॅ और आईएसआई की द्वंद?
कहीं गलत राह पर तो नहीं जा रही राॅ और आईएसआई की द्वंद?
– यूएन तक पहुंचा कुलभूषण जाधव और मोहम्मद हबीब जाहिर प्रकरण
– यूएन ने दी रिश्तों को सुधारने की सलाह
(अपनी बात)
इस समय भारत-पाकिस्तान अपने संबंधों की मिठास के सबसे न्यूनतम स्तर पर हैं। पाकिस्तान में फांसी की सजा पाये पूर्व भारतीय नौसैनिक कुवलभूषण जाधव हो, या फिर नेपाल से रहस्यमय तरीके से लापता हुए पाकिस्तान के पूर्व कर्नल मोहम्मद हबीब जाहिर प्रकरण हो। दोनों मामलों में राॅ बनाम आईएसआई के आरोप लगाते हुये, भारत तथा पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्रसंघ में गुहार लगाई। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गेटेरस के प्रवक्ता स्टीफन यह कह अपना पल्ला झाड़ लिया कि “जहां तक भारत और पाकिस्तान के आपसी संबंधों की बात है, तो हम बार बार यह कहते हैं कि दोनों पक्षों को आपसी बातचीत से शांतिपूर्ण समाधान निकालने की कोशिश करनी चाहिए।”
साथ ही जाधव और मोहम्मद हबीब जाहिर प्रकरण में यूएन द्वारा हाथ खड़े कर देना इंडो-पाक रिश्ते को वर्तमान में ही छोड़ दिया है। जो दोनों देशों के लिये विचार का एक गंभीर मुद्दा बन गया है।
दोनों देशों के बने राजनैतिक महौल भी संबंध सुधार की पटरी पर जाते नहीं दिख रहे। ऐसे में बड़ा सवाल यह रहा है कि कहीं राॅ और आईएसआई जैसी खुफिया ऐजेंसियां किसी सुनियोजित कूटनीति के लिये प्रयोग का साधन या हथियार तो नहीं बन रही हैं।
वहीं दूसरी तरफ खुफिया विभाग अपने अधिकृत बयानों में ऐसे किसी प्रकरण में अपनी संलिप्तता से इंकार कर रही है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्यों दोनों देश खुफिया विभागों पर आरोप लगाते हैं। क्या कुछ और भी खुफीया चल रहा है? जिससे कि दोनों देशों के राजनयिक अंजान हैं? और यह भी कि राॅ बनाम आईएसआई की मानसिकता से ऊपर उठ दोनों देशों के रिश्तों को मधुर बनाने की पहल कैसे होगी?
आईएन न्यूज नौतनवा (धर्मेंद्र चौधरी की विशेष रिपोर्ट ):