भारतीय गेहूं की “रोटी,” खाएगा नेपाल: भारत सरकार ने 2 लाख मैट्रिक टन गेहूं निर्यात का दिया आदेश

भारतीय गेहूं की “रोटी,” खाएगा नेपाल: भारत सरकार ने 2 लाख मैट्रिक टन गेहूं निर्यात का दिया आदेश
आई एन न्यूज सोनौली डेस्क:
भारत सरकार ने नेपाल में खाद्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने और वहां के नागरिकों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से 2 लाख मैट्रिक टन गेहूं निर्यात करने का आदेश जारी किया है। यह निर्णय भारत और नेपाल के बीच मजबूत आर्थिक और कूटनीतिक संबंधों को और अधिक सशक्त बनाने के तहत लिया गया है।
नेपाल में गेहूं की मांग और भारत की भूमिका
नेपाल में हाल के दिनों में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है, जिससे आम नागरिकों को आर्थिक बोझ झेलना पड़ रहा है। गेहूं जैसे प्रमुख खाद्यान्न की कमी ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया है। ऐसे में भारत सरकार का यह कदम नेपाल की खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने में मददगार साबित होगा।
निर्यात नीति से दोनों देशों को लाभ
भारत सरकार की इस पहल से जहां नेपाल में रोटी जैसे दैनिक उपभोग के खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट आएगी, वहीं भारतीय किसानों और निर्यातकों को भी इसका फायदा मिलेगा। इससे भारत की कृषि निर्यात नीति को नया आयाम मिलेगा और भारत-नेपाल के बीच व्यापारिक संबंधों में सुधार होगा।
आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी
भारत सरकार ने संबंधित विभागों को इस निर्यात प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि गेहूं की गुणवत्ता उच्च स्तर की हो और नेपाल तक सुरक्षित और समय पर पहुंचे।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम न केवल नेपाल में खाद्य संकट को हल करने में सहायक होगा, बल्कि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग को भी प्रोत्साहित करेगा। भारत और नेपाल के बीच इस तरह की नीतियां दोनों देशों के हित में हैं और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने में मदद करती हैं।
यह निर्णय भारत के “पड़ोसी पहले” नीति के तहत लिया गया है और यह दर्शाता है कि भारत अपने पड़ोसी देशों की जरूरतों को लेकर संवेदनशील है।
महाराजगंज— उत्तर प्रदेश।