निर्भया गैंगरेप मामले मे चारों दरिंदो की फांसी की सजा
निर्भया गैंगरेप मामले मे चारों दरिंदों को फांसी की सजा बरकरार सुप्रीम कोर्ट का एतिहासिक फैसला:
आई एन न्यूज नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। गैंगरेप करने वाले चार दरिंदों पर फैसला सुनाते हुए जस्टिस बानुमति की बेंच ने निर्भया के साथ गैंगरेप करने वाले चार दरिंदों पर जस्टिस दीपक मिश्रा
फैसला सुनाते हुए उनकी फांसी की सजा बरकरार रखी है।
स्मरण रहे कि गैंगरेप के चार दोषियों मुकेश, अक्षय, पवन और विनय को साकेत की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिस पर 14 मार्च 2014 को दिल्ली हाईकोर्ट ने भी मुहर लगा दी थी। दोषियों की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी।
निर्भया गैंगरेप केस: चारों दरिंदों की फांसी की सजा बरकरार
आज भी हरे हैं निर्भया के परिजनों के जख्म .
दिल्ली गैंगरेप की शिकार पीड़िता के पिता ने कहा कि हमारे आंसू अभी तक सूखे नहीं हैं।
हर दिन के गुजरने के साथ उसकी यादें और गहरी होती जाती हैं। घर पर कोई न कोई तो हमेशा रोता रहता है। पीड़िता के 50 वर्षीय पिता ने आंसुओं से भरी आंखों के साथ बताया कि हम कभी इससे उबर नहीं पाएंगे और वह हमारे बीच अभी भी जीवित है। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी जब भी कुछ पकाती है तो वह अपनी बेटी को याद करती है। भरी हुई आवाज से उन्होंने कहा कि जब भी हम खाना खाने बैठते हैं, मेरी पत्नी कहती है कि यह उसका पसंदीदा खाना है और हम उसके बिना ही इसे खा रहे हैं।
निर्भया गैंगरेप केस: चारों दरिंदों की फांसी की सजा बरकरार
दरिंदों में से एक ने की खुदकुशी, एक को सुधार गृह
बलात्कारियों में से एक किशोर था इसलिए उसके खिलाफ सुनवाई जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में की गई। बोर्ड ने उसे तीन साल के लिए सुधार गृह में भेज दिया था। अब वो रिहा हो चुका है। पीड़िता की मौत के पांच दिन बाद पुलिस ने पांच व्यस्क आरोपियों के खिलाफ बलात्कार, हत्या, अपहरण और सबूत मिटाने के आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था।