क़मजोर पड़ा मधेशियों का निकाय चुनाव विरोध – उतरे चुनाव में, झोंकी ताकत
क़मजोर पड़ा मधेशियों का निकाय चुनाव विरोध
– उतरे चुनाव में, झोंकी ताकत
आईएन न्यूज़, नेपालः
पड़ोसी राष्ट्र नेपाल में मधेशी समुदाय द्वारा निकाय चुनाव का विरोध फ़ीका पड़ने लगा है। मधेशी बाहुल्य क्षेत्रों में मधेशी स्वंय ही निकाय चुनाव की जंग का शंखनाद कर दिये हैं। यह मधेशी समुदाय हताश़ा का परिणाम है, या फिर नेपाली तंत्र की मुख्यधारा में जुड़ अपने आप को मज़बूत करने की नीति है। यह तो बाद की विचारणीय बात है।
मगर पिछ़ले एक वर्ष से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत मधेशी दलों यह स्वरुप उनकी दृढ़ता को सवालों के घेरे में ला रहा। भले ही कई मधेशी संगठन अभी निकाय चुनाव के विरोध के दावे कर रहे हैं। मगर अधिकतर आम मधेशी मतदाता चुनाव के पक्ष में हैं। कई प्रत्याशी भी यह कह चुनावी कमर कस लिये हैं कि “उनका विरोध भैंस के आगे बीन बजाना” जैसा है। फिर वह फ़ालतू का “विरोधी-बीन” बज़ा कर अपनी ऊर्जा क्यों ख़पाएं।
रुपन्देही, कपिलवस्तु तथा नवलपरासी नेपाल के मधेशी बाहुल्य जिलें हैं। जिसकी तमाम गांव पालिकाओं में प्रधान पद के चुनाव की प्रशासनिक तैयारियां जोरों पर हैं। हालांकि रुपन्देही जिला के मर्चवार क्षेत्र में अभी कई गांव पंचायतों का परिसीमन स्पष्ट नहीं है। बावजूद इसके यादव, ब्राह्मण और कुर्मी जाति के दावेदार अपने अपने मतदाताओं को सहेज़ने में जुट गये है। यानि कि मधेशी बाहुल्य क्षेत्रों में चुनाव जातिगत आधार की ओर अग्रसर है। भैरहवा नगर निकाय क्षेत्र को अपवाद के रूप में माना लिया जाय, तो रुपंदेही जिले की लगभग सभी सीटों पर सामान्य व पिछ़ड़ी जाति के प्रत्याशियों में घमासान की तस्वीर उभर रही है। मधेशियों का चुनाव विरोध के बाद चुनावी जंग में शरीक होने से सभी की निगाह परिणामों की तरफ हैं।