इंटीग्रेटेड़ चेक पोस्ट निर्माण के विरोध में किसानों का प्रदर्शन
इंटीग्रेटेड़ चेक पोस्ट निर्माण के विरोध में किसानों का प्रदर्शन
– अधिग्रहित भूमि के मुआवज़े की दोहरी नीति पर जताया असंतोष
आईएन, न्यूज़, सोनौली:
सोनौली सीमा पर कई वर्षों से अधर में लटके इंटीग्रेटेड़ चेकपोस्ट निर्माण के विरोध में किसानों ने मोर्चा खोल दिया है। किसान भूमिअधिग्रण में मिलने वाली ज़मीन मूल्य से असंतुष्ट हैं। उनकी मांग है कि जब तक उन्हें भूमि का उचित मुआवज़ा नहीं मिलेगा, वह अपनी भूमि इंटीग्रेटेड़ चेक पोस्ट के लिये नहीं देंगे।
क्षेत्र के आराज़ी सरकार उर्फ केवटलिया टोला फरेंदी तिवारी के दर्जनों किसान मंगलवार को नौतनवा में आयोजित जिलास्तरीय तहसील दिवस में पहुंच गये। प्रदर्शन किया और अपने मांग को जिलाधिकारी के समक्ष रखा। कहा कि सोनौली के नगरपंचायत परिसीमन में उनके गांव का टोला नगर पंचायत में शामिल हो गया है। जिससे उनकी भूमि की मालियत बढ़ गयी है। सरकार उनके भूमि का मुआवज़ा 70 लाख़ प्रति एकड़ देने की बात रही है। जबकि कुछ दिन पूर्व उन्हें तीन क़रोड़ रुपया प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवज़ा देने की बात कही गयी थी। अगर किसानों को मुआवज़ा तीन करोड़ प्रति हेक्टेयर की दर से कम मिला तो वह अपनी भूमि इंटिग्रेटेड़ चेक पोस्ट के लिये नहीं देंगे। यह मांग रख़ने वाले किसानों में गजेंद्र प्रसाद, अशोक त्रिपाठी, बृजेश्वर मिश्र, अरुणेश,नागेंद्र, दुर्गेश, विनोद, राधेश्याम,रामवृक्ष, राजेश, शिवप्रसाद समेत करीब चार दर्जन लोग शामिल रहे। सपा के पूर्वजिलाध्यक्ष व वर्तमान ग्राम प्रधान सुधीर त्रिपाठी ने भी किसानों की मांग जायज़ बताया और किसानों के हक़ के लिये आंदोलन करने की बात कही।