नेपाल में मधेस आन्दोलन को लेकर मसाल जुलूस प्रदर्शन शुरू
नेपाल में मधेस आन्दोलन को लेकर मसाल जुलूस प्रदर्शन शुरू–
प्रदर्शनकारियों और पुलिस में झड़प, आज से सड़क पर उतरेंगें कार्यकर्ता —-
सोनौली कार्यालय /महाराजगंज
पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के राष्ट्रीय जनता पार्टी ने विराटनगर में मशाल जुलूस निकाल कर नगर भ्रमण किया। इस दौरान जनता पाट्री के नेता और पुलिस के बीच झड़प भी हुए पुलिस कर्मियों ने राजपा कार्यकर्ताओं के हाथ से मशाल छीन लिया पुलिस के हस्ताक्षेप के कारण तनाव उत्पन्न हो गया है । पुलिस के तीखे तेवर को देखते हुए कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि केंद्रीय पार्टी के घोषणा आम हड़ताल को सफल बनाने के लिए बंदी की पूर्व संध्या पर मशाल जलूस निकाला गया।
स्मरण रहे कि राष्ट्रीय जनता पार्टी-नेपाल के बैनर तले एकजुट मधेस स्थित पार्टियों के गठबंधन में रविवार को विरोध प्रदर्शन के कार्यक्रम घोषित किए गये
जिसमें आम बंदी भी शामिल है। उन्होंने कहा कि वे 28 जून को प्रस्तावित स्थानीय स्तर के चुनाव के दूसरे चरण में हिस्सा नहीं लेंगे और उन्होंने चुनाव में बाधा डालने के उद्देश्य से राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल की घोषणा की है।
जब कि नेपाल के दक्षिणी क्षेत्र में तराई की राजनीति में दो स्पष्ट धाराएं उभर कर सामने आई हैं। मधेसी जन अधिकार फोरम नेपाल के प्रमुख उपेंद्र यादव और मधेस जन अधिकार फोरम के नेता व मौजूदा गठबंधन सरकार में उपप्रधानमंत्री बिजय कुमार गच्छेदार के नेतृत्व वाले एक वर्ग ने चुनाव में हिस्सा लेने का निर्णय लिया है।
वही दुसरी तरफ तराई मधेस लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख महंत ठाकुर के नेतृत्व वाले एक अन्य राजनीतिक गठबंधन ने चुनाव का बहिष्कार किया है। चुनाव का बहिष्कार करने वाले पार्टियों ने आज सोमवार से बंदी की पूर्व संध्या पर प्रदर्शन और मशाल जुलूस शुरू कर दिया है ।
मशाल जुलूस को लेकर कई स्थानों पर राजपा के कार्यकर्ताओं से झड़प होने की खबरें लगातार आ रही हैं ।
मंगलवार को मधेश में आन्दोलन शुरू करने रणनीति बनाई ।
महंत ठाकुर ने विरोध प्रदर्शन के कार्यक्रम की घोषणा करते हुए कहा, “यह चुनाव एक अवैध चुनाव होगा।” ठाकुर की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में चुनाव विरोधी प्रदर्शन के नए कार्यक्रम घोषित किए गए, क्योंकि सरकार के साथ किसी सहमति पर पहुंचने की कोशिश नाकाम हो गई।
स्मरण रहे कि बीते दिन सत्ताधारी पार्टियों -नेपाली कांग्रेस और सीपीएन (माओवादी सेंटर) ने आरजेपी-एन के साथ सिंघ दरबार में एक बैठक की, जो बेनतीजा रही। आरजेपी-एन 2015 के संविधान में संशोधन की मांग कर रही है। सत्ताधारी गठबंधन ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और आरजेपी-एन से आग्रह किया कि वह विरोध प्रदर्शन न करे और चुनावी प्रक्रिया बाधित नहीं करे।