कुलसुम, बनी कुसुम को अन्तरजातीय विवाह महंगा पडा
कुलसुम, बनी कुसुम को अन्तरजातीय विवाह महंगा पडा
सीओ नौतनवा को तहरीर देकर प्रेमी प्रेमीका ने सुरक्षा की मांग किया
सोनौली कार्यालय/महराजगंज
अपने प्यार के लिए कुलसुम से कुसुम बन अन्तरजातीय विवाह कर प्रेमी प्रमिका आज दोनो दर दर भटक रहे है। उनके जान के लाले पडे हुए है। दोनो के पिता उनके जानी दुशमन बन गये हैं। यह मामला नौतनवा थाना क्षेत्र के बाबू पैसिया की है।
मंगलवार को क्षेत्राधिकारी नौतनवा को अन्तर जातीय विवाह करने वाले शौरभ सिह पुत्र महेश्वरी सिह ने एक तहरीर देकर क्षेत्राधिकारी को बताया कि हमने 8/8/2015 को दिल्ली के हरिविहार आर्य समाज मंदिर विध विधान से विवाह किया। चुकि मेरी पत्नी बालिग है। वह अपना अच्छा बुरा स्वय सोच समझ सकती है। सादी के एक वर्ष बाद हम अपने घर लौटे तोे मेरे पिता और लडकी के पिता हम दोनो के प्यार के जानी दुश्मन बन गये है। हमे चैन से रहने नही दे रहे है। यहा तक कि हमारे जान के लाले पड गये है। हम अपनी पत्नी को लेकर अपनी जान बचाते फिर रहे है। 28 नवम्बर 2015 को मेरे पत्नी को मेरे ससुर छीन ले गये। उसे मारा पीटा इस दौरान गर्भ मे पल रहे चार माह का बच्चा भी मिस कर गया। हम लोग काफी दुखी है। उसके बाउजूद हमारे पिता मुझे पत्नी के साथ घर मे घुसने नही दे रहे है। न्याय के लिए नौतनवा पुलिस का गणेश परिक्रमा करते मै थक गया हूॅ। प्रार्थी को न्याय नही मिला तो अब आत्म हत्या के लिए विवश होगा। शौरभ सिह ने यह भी बताया कि हम दोनो के पिता हमे किसी भी दशा मे अलग कर देना चाहते हैं। लेकिन हम अपनी जान दे देगे लेकिन हम अलग नही होगे।