छापेमारी की जानकारी होते ही गिर गए मेडिकल स्टोर्स की शटर

छापेमारी की जानकारी होते ही गिर गए मेडिकल स्टोर्स की शटर

छापेमारी की जानकारी होते ही गिर गए मेडिकल स्टोर्स की शटर
– भारत नेपाल की सीमा से नशीली दवाओं के सेवन व तस्करी का सज्ञान ले आयुक्त ने किया औचक निरीक्षण—
– आख़िर है विभाग का विभीषण जो अधिकारियो के पंहुचने के पूर्व ही दे दिया करता है सूचना?
– दो थोक दवा विक्रेताओ का लिया गया नमूना बाकी सब बन्द पाए गए
– कुछ देर ठहर अधिकारी भी नेपाल में गए मार्केटिंग के लिए
आई एन न्यूज ठूठीबारी :
सत्ता बदले या व्यवस्था बदले पर है तो प्रदेश के ही अधिकारी उनके ऊपर शासनादेश का कोई भी असर अब भी देखने को नही मिल रहा। भारत नेपाल की सीमा से तस्करी के माध्यम से नेपाल पंहुच रहा प्रतिबन्धित दवाओं की शिकायत के बाद दिन मंगलवार की दोपहर सहायक आयुक्त औषधि गोरखपुर व ड्रग इंस्पेक्टर महराजगंज की संयुक्त टीम ने दोपहर में ठूठीबारी कस्बा में दखल दिया ही था कि पहले से चौकन्ना हो चूकें मेडिकल स्टोर्स की दुकानों की शटर बन्द हो चूंकि थी पर विभाग को कुछ तो औपचरिकता पूरी करनी थी ऐसे में दो थोक दवा जायसवाल मेडिकल व एक अन्य से नमूना ले अपनी औपचरिकता पृरी करते हुए मित्र राष्ट्र नेपाल के महेशपुर में मार्केटिंग के लिए निकल गए।
मिली जानकारी के अनुसार नेपाल में हर दिन प्रतिबन्धित दवाओं की रिकवरी व आमलोगों की शिकायतों के बाद संबंधित महकमा के सहायक आयुक्त गोरखपुर व ड्रग इंस्पेक्टर महराजगंज अशोक कुमार की टीम ने दिन मंगलवार की दोपहर ठूठीबारी कस्बा में प्रवेश किया उनके प्रवेश के पूर्व ही कस्बा की सभी मेडिकल स्टोर दूबे मेडिकल व जायसवाल मेडिकल को छोड़ सभी की शटर बन्द हो चूँकि थी पर जो दो दुकाने खुली पाई गई उनसे विभाग के द्वारा नमूना लिया गया और बताया गया कि इसे लखनऊ लैब के द्वारा जांच कराया जाएगा पर हैरत की बात यह दिखी कि एक ही दुकान पर सारे मेडिकल के प्रोपराइटर आख़िर क्या कर रहे थे जिसके बाद आई जांच टीम मित्र राष्ट्र नेपाल में मार्केटिंग करने निकल गए। आमलोगों का आरोप है कि सत्ता बदलने के बावजूद अधिकारी अपने रवैये पर कायम है अन्यथा बन्द की गई मेडिकल स्टोरों पर कार्यवाही की गई होती।
— कोतवाली के सन्निकट कौन है ऐसा मेडिकल स्टोर की जब भी कार्यवाही होती है वह बन्द पाया जाता है
– ठूठीबारी कस्बा में एक चर्चित मेडिकल स्टोर जब भी विभागीय कार्यवाही की जाती है वह घण्टो पूर्व ही बन्द कर दी जाती है। ऐसा पहली बार नही बल्कि बार बार से होता आ रहा है निचलौल तहसील के सबसे बड़ा नशीली दवा का जॉन द्धारा गडौरा बाजार स्थित एक थोक विक्रेता है जिसे विभाग भी जानता है वही नौतनवा के बरगदवा स्थित एक दुकानदार के द्वारा भी युवको को नशा का आदि बनाया जा रहा है पर अबतक विभाग के द्वारा उनपर शिकंजा ना कस अपनी खानापूर्ति करने में लगी है हालात यह हो गए है कि अब किराना की दुकानों पर भी नशीली दवा बेंची जा रही है जो कोतवाली से महज कुछ ही दूरी पर स्थित है। अब ऐसे में यही कहावत चरितार्थ है कि जिसकी लाठी उसकी भैंस।
अरुण वर्मा

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