मुख्यमन्त्री के वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद हरकत में आये अफसरान ले रहे झूठ का सहारा

मुख्यमन्त्री के वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद हरकत में आये अफसरान ले रहे झूठ का सहारा

मुख्यमन्त्री के वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद हरकत में आये अफसरान ले रहे झूठ का सहारा

झूठी रिपोर्ट के सहारे निस्तारण का बहाना
– मुख्यमन्त्री के वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद हरकत में आये अफसरान ले रहे झूठ का सहारा

– भौतिक सत्यापन कराए ही लगा दी जा रही निस्तारण की रिपोर्ट

– निचलौल तहसील में खुलकर खेला जा रहा निस्तारण का खेल
आईएन न्यूज ठूठीबारी:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े तेवर के बाद अब जनसुनवाई पोर्टल से की गई शिकायतों का निस्तारण धडाधड शुरू हो गया है ऐसे में कौन विभाग कितनी तेजी से अपने सम्बंधित शिकायतों का निस्तारण कर सके इसको लेकर अफलातून सा मच गया है पर इस होड़ में अधिकारी यह भूल चुके है कि निस्तारण में भौतिक सत्यापन भी महत्त्व रखता है|
मिली जानकारी के अनुसार महाराजगंज जनपद में लम्बित पड़ी करीब सैकड़ो शिकायतों का सम्बंधित विभाग के अफसरानो के द्वारा निस्तारण का रिपोर्ट लगा शासन व उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर दिया गया है पर भेजी गई रिपोर्ट कितनी सही या गलत है इससे सम्बंधित विभाग को कोई लेना देना नहीं है|
एक मामला है ठूठीबारी ग्रामसभा के लोकनिर्माण विभाग से जुड़ा अतिक्रमण का जिसमे विभाग ने यह रिपोर्ट लगा भेज दी है कि सम्बंधित अतिक्रमण को हटा दिया गया है जबकि सच्चाई यह है कि विभाग ने अतिक्रमणकारी से भारी भरकम रकम ले गलत व गुमराह करने वाली रिपोर्ट शासन को भेजा है|
जिसमे शिकायतकर्ता ने माननीय मुख्यमन्त्री को समस्त दस्तावेज भेज इसकी जाँच कराने की अपील की है|
क्या पूरा मामला विगत 20 अप्रैल 16 का जिसमे शिकायतकर्ता ने तहसील दिवस प्रार्थना पत्र संख्या 30094516000472 के तहत एक शिकायती पत्र जिलास्तरीय तहसील दिवस पर जिलाधिकारी महाराजगंज को दिया था जिसपर कार्यवाही करते हुए सम्बंधित विभाग ने यह रिपोर्ट लगाईं थी कि प्रार्थना पत्र 20 अप्रैल 16 के सन्दर्भ में अवगत कराना है कि उक्त स्थल पर अवैध निर्माण किया गया है| जिसे दिनांक 8 मई 16 तक हटाने के लिए सहायक अभियन्ता के नोटिस संख्या 39/कैम्प/16 दिनांक 30 अप्रैल 16 द्वारा दिया गया है|
उक्त तिथि तक अतिक्रमण न हटाये जाने की स्थिति में बलपूर्वक हटाये जाने हेतू पुलिस व राजश्व कर्मचारी की मांग पत्र अलग से आपको प्रेषित किया जाएगा| पूर्ववर्ती सरकार के संवेदनहीनता के कारण उक्त अरिक्रमण को अ=नहीं हटाया जा सका जिसके बावत शिकायतकर्ता ने अनेकोबार इसकी शिकायत विभाग से की पर विभाग के कानों पर जू तक नहीं रेंगी| अब जबकि सत्ता परिवर्तन हो चूका है वही योगी सरकार भू माफियाओ पर शिकंजा कसने के लिए एंटी भू माफिया शेल का गठन किया है बावजूद उसके इस अतिक्रमण पर चाबुक नहीं चल सका| शिकायतकर्ता ने चूकी इसकी शिकायत आईजीआरएस पोर्टल से की थी ऐसे में विगत सप्ताह माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने अपने मातहतो को टाईट करते हुए एक डेडलाइन तय कर दी कि उक्त तिथि के अन्दर लम्बित पड़े शिकायतों का निस्तारण करना है तो अब ऐसे में लम्बित पड़े शिकायती पत्रों का आनन फानन में गलत या सही निस्तारण किया जा रहा है जिसका सबूत है कि ठूठीबारी ग्रामसभा में अतिक्रमिति की गई भूमि की व्यापकता तो बढ़ गई पर विभाग ने निस्तारण में यह रिपोर्ट लगा वाहवाही लूट ली कि सम्बंधित अतिक्रमण को खली करा लिया गया है|

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