सैलानियों का टाइगर रिजर्व जाना हुआ मुश्किल

सैलानियों का टाइगर रिजर्व जाना हुआ मुश्किल

सैलानियों का टाइगर रिजर्व जाना मुश्किल
आई एन न्यूज महराजगंज:
एक तरफ सरकार के रहनुमाओं द्वारा कहा जा रहा है कि इस सरकार में विकास की बयार बह रही है। जिसमें हर तबके के लोगों को सुविधा मुहैया हो रही है। दूसरी ओर केन्द्र सरकार ने बगहा के जंगल को टाईगर रिजर्व की उपाधि दी है। अब उसमें जंगल सफारी के लिए तरह-तरह की योजना तैयार की जा रही है। जिससे कि बाहर से आने वाले सैलानियों को जंगल सफारी कराया जा सके। इस योजना से वैसे बेरोजगार युवकों को रोजगार देने की योजना है। जिन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है। वन विभाग का मानना है कि टाईगर रिजर्व के विकसित होने से स्थानीय लोगों का भी विकास होगा। लेकिन केन्द्र या राज्य सरकार ने अभी तक नहीं सोचा कि बाहरी सैलानियों के आने के लिए सड़क ही नहीं है। जो है तो उसकी स्थिति यह है कि लोग अब उसपर पैदल भी नहीं चलना चाहते है। बात हो रही है बिहार व यूपी को जोड़ने वाली मदनपुर पनियहवा मुख्य सड़क व बगहा-वाल्मीकिनगर मुख्य सड़क की। मदनपुर से पनियहवा जाने वाले वाली सड़क की स्थिति यह है कि उसके निर्माण काल के बाद से आज तक पुनरुद्धार ही नहीं किया गया। जिससे उक्त सड़क में अब गडढा ही गडढा नजर आता है। वही मदनपुर से लेकर वाल्मीकिनगर तक बनी सड़क तो अच्छी है,लेकिन सिरिसिया व नौरंगिया के बीच करीब दो किलोमीटर तक स्थिति यह है कि थोड़ी सी वर्षा क्या हुई। सड़क के बीचों बीच जल जमाव हो जाता है। जबकि वाल्मीकिनगर पर्यटक के रुप में विकसित हो गया है। सड़क की स्थिति को देख वहां अभी पर्यटक आना नहीं चाह रहे है। जिससे सरकार की वह योजना जंगल सफारी फ्लाप होने की कगार पर है। इसका मुख्य कारण सड़क नहीं होना है। आपको अवगत करा दे मदनपुर पनियहवा सड़क व बगहा-वाल्मीकिनगर मुख्य सड़क निर्माण पर वन विभाग द्वारा रोक लगा दिया गया है। जिससे अधिक क्षति वन विभाग को ही हो रहा है।
टाईगर रिजर्व के क्षेत्र में बनी सड़कों के निर्माण में लगी कंपनियों द्वारा वन विभाग से बिना किसी अनुमति के ही सड़क निर्माण कराया गया है। जिसे देखने के बाद विभाग द्वारा निर्माण पर रोक लगा दिया गया है। निर्माण कंपनी अगर अनुमति लेकर सड़क निर्माण कराये तो वन विभाग की ओर से कोई आपत्ति नही होंगी।
जिलाधिकारी राजीव रौतेला ने निर्देश दिये है कि सम्पूर्ण समाधान दिवस में प्राप्त होने वाले समस्त संदर्भों का गुणवत्तापरक निस्तारण सुनिश्चित करें तथा सम्पूर्ण समाधान दिवस की समाप्ति के पश्चात आगामी सप्ताह में समस्त उप जिलाधिकारी स्वंय प्रत्येक संदर्भों पर गुणवत्ता परक निस्तारण हेतु श्रम करें।
उक्त निर्देश जिलाधिकारी ने बासगांव तहसील में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस की अध्यक्षता करते हुए दिये। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि शिकायत कर्ता के शिकायतों को अधिकारी गण संवेदनशील होकर सुने तथा उसका गुणवत्तायुक्त निस्तारण समयबद्ध ढंग से पूर्ण करें। समस्याओं का निस्तारण नियमों की परिधि में, तथ्यों के आधार पर किया जाये। अधिकारी गण शिकायतों को डायरी में अंकित करने के पश्चात शिकायत कर्ता से दूरभाष पर वार्ता कर वास्तविक निस्तारण की स्थिति की जानकारी प्राप्त करें और उससे मौके पर जाकर निस्तारण के पश्चात गवाहों के हस्ताक्षर भी करायें।
सम्पूर्ण समाधान दिवस में कुल 66 मामले आये जिसमें लगभग 16 मामलों का मौके पर निस्तारण किया गया। उन्होंने कहा कि भूमि विवाद के मामलों का निस्तारण राजस्व एंव पुलिस विभाग की संयुक्त टीम मौके पर जाकर करें। उन्होंने कहा कि जन समस्याओं के त्वरित निस्तारण के उद्देश्य से सम्पूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया जाता है। उन्होंने ए श्रेणी के निस्तारण पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि खाद्यान्न वितरण व्यवस्था पारदर्शी होने चाहिए। वितरण व्यवस्था की जांच समयानुसार करायी जाये और जहां कही भी गड़बड़ी मिले संबंधित कोटेदार के विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।
बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सत्यार्थ अनिरूद्ध पंकज, मुख्य विकास अधिकारी अनुज सिंह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन प्रभुनाथ, उप जिलाधिकारी बासगांव अमरेन्द्र वर्मा सहित विभिन्न विभागों के संबंधित अधिकारी गण उपस्थित रहे।

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