मुख्यमंत्री ने महराजगंज के बाढ़ पीड़ितो को किया निराश —-कुंवर अखिलेश
मुख्यमंत्री ने महराजगंज के बाढ़ पीड़ितो को किया निराश —-कुंवर अखिलेश
बाढ़ प्रमावित इलाको में लोग नाव के लिए तरस रहे है, अप्रैल ,मई और जून के महीने में अगर बंधो की मरम्मत और समुचित बाढ़ से प्रबंध किया गया होता तो इस बार की विपदा को बहुत ही कम किया जा सकता था।
आई एन न्यूज सोनौली डेस्क:
मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश में कल महाराजगंज के दौरे पर बाढ़ प्रभावित लोगों को निराश किया लोगों की उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री अपने विवेकाधीन कोष से बाढ़ पीड़ितों को बड़ी मदद करेंगे परंतु उन्होंने जो कार्य किया वह संसद सदस्यों विधायकों करना था वह कार्य अपने हाथ में लेकर इतिश्री कर दिया ।
उक्त बाते रविवार को नौतनवा स्थित अपने आवास पर पत्रकारो से वार्ता करते हुए सपा के पूर्व संसद महराजरांज कुवर अखिलेश सिंह ने कहा कि
आपदा प्रबंधन में महाराजगंज सिद्धार्थनगर गोरखपुर में सरकार की विफलता स्पष्ट तौर पर उजागर हुई है। महराजगंज जनपद में 5 लाख के ऊपर की जनसंख्या बाढ़ में गिरी हुई है ।और लगभग दो लाख से ऊपर पशु बाढ़ मे अभी भी फंसे हुए हैं ।
शनिवार को मुख्यमंत्री को बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए न्यूनतम 100 करोड़ की घोषणा करनी चाहिए थी । परंतु उन्होंने पूर्व सरकारों के शासनादेश के अंतर्गत अनुदान सहायता धनराशि उपलब्ध कराकर अपने कर्तव्य का इतिश्री कर लिया । उन्होने कहां कि मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि कृपया वह महाराजगंज सिद्धार्थनगर में बाढ़ पीड़ितो को कुल कितनी राहत समाग्री बांटी गई क्या सभी बाढ़ पीड़ितों में उसी अनुपात में बांटी जाएगी।
महाराजगंज जनपद में 100 करोड़ के ऊपर केवल फसल का नुकसान हुआ है। हजारों लोगों के मकान बाढ़ में गिर कर ध्वस्त हो गया है। पिछले 8 दिनों से पीड़ित परिवार अपने पशुओ के साथ ऊंचे स्थानों पर खुले आसमान के नीचे नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं ।
जर्दी डुमरा बाध से लेकर त्रिमुहानी घाट तक के लिए और त्रिमोहानी घाट से लेकर रानीपुर तक के बांध टूटने के लिए जिम्मेदारो के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करनी चाहिए थी ।
नारायणी गंडक के बी गैप पर बंधे पर भी सिंचाई विभाग के लोगों व ठेकेदारों ने करोड़ों का गोल माल किया है ।
अप्रैल मई और जून के महीने में अगर बंधो की मरम्मत और समुचित बाढ़ से प्रबंध किया गया होता तो इस बार की विपदा को बहुत ही कम किया जा सकता था। श्री सिंह ने कहा कि
फरेंदा महाराजगंज मार्ग जिस पर जनपद कि लगभग आधी आबादी गुजरती है। उस पर मात्र एक पीएसी के मोटर बोट का इंतजाम किया गया है । रानीपुर खालिकगड़ गौहरपुर आराजी स्वाइन राजापुर जो संपूर्ण क्षेत्र मझार के नाम से जाना जाता है। जिसकी जनसंख्या पचास हजार से ऊपर है वहा मात्र एक पीएससी मोटर बोट का इंतजाम किया गया । लक्ष्मीपुर के टेड़ी घाट सेमरहवा क्षेत्र के बाढ़ पीड़ितों को कोई पूछने वाला नहीं है । नौतनवा ब्लाक के ग्राम सभा चकदह चुडिहारी बरनहवा लुठहवा जाहरी सगरहवा बेलहिया गनेशपुर मनिकापुर सीहाभार क्चरियाहवा जिगनियहवा पङरहवा घठवा नेबुआह्वा की भयावह स्तिथि है ।
पनियार ब्लाक में सूचितपुर बाघौना बड़हरा लाला से से लेकर डुमरा तक रोहिन नदी के बंधों की कटान से उस क्षेत्र में हृदयविदारक स्थिति उत्पन्न हो गई है। मुख्यमंत्री सेना के बड़े मोटरबोट से यदि रोहिन नदी के अंदर टेड़ीघाट से लेकर मानीराम तक स्थित का निरीक्षण कर लें तो वास्तविकता सामने आ जाएगी। कल का मुख्यमंत्री का दौरा ठीक उसी तरह का दौरा है जो 9 अगस्त को उन्होंने बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज का किया था । मुख्यमंत्री पुनः उसी बात को दोहराएंगे कि हमें सच्चाई से अवगत नहीं कराया गया । विपत्ति के समय अधिकारियों को डरा धमकाकर नहीं अपितु प्यार और दुलार से सही स्थित की जानकारी प्राप्त करके मुख्यमंत्री को बाढ़ पीड़ितों की मदद में आगे आना चाहिए अभी तक बाढ़ पीड़ितों को जो मदद पहुंची है उसका 90% हिस्सा समाजसेवियों और दयावान नागरिकों द्वारा उपलब्ध कराया गया ।आज भी बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोग नाव के लिए तरस रहे है।