सोनौली सीमा पर क्यों लगाया गया था पुनर्वासी कश्मीरियों के भारत प्रवेश पर रोक?

सोनौली सीमा पर क्यों लगाया गया था पुनर्वासी कश्मीरियों के भारत प्रवेश पर रोक?

सोनौली सीमा पर क्यों लगाया गया था पुनर्वासी कश्मीरियों के भारत प्रवेश पर रोक?

सोनौली सीमा पर क्यों लगाया गया था पुनर्वासी कश्मीरियों के भारत प्रवेश पर रोक?

– अचानक रोके गये प्रवेश के बाद कहां गये नेपाल में फंसे पुनर्वासी

इंड़ोनेपाल न्यूज़

(धर्मेंद्र चौधरी की रिपोर्ट)

कश्मीर घाटी अशांत है। पिछ़ले तीन वर्षों से पाकिस्तान के द्वारा बढ़े सीज़फायर के उल्लंघन और कश्मीरी युवाओं द्वारा भारतीय सेना पर पत्थरबाजी करने जैसे वाकए नें एक गंभीर मुद्दे को अस्तित्व में ला दिया है। जिस पर सरकार निरंतर मनन व हल के प्रयास में जुटी हैं। और आमआवाम के लिये यह मुद्दा सबसे बड़ा कौतूहल बना हुआ है।
सोनौली सीमा का कश्मीर से एक जुड़ाव है। यह जुड़ाव पांच वर्ष पूर्व सामने आया।
कश्मीर की पुनर्वास योजना के तहत पुनर्वासियों के प्रमुख प्रवेश द्वार के रूप में।
वर्ष १९४७ के बाद हुये राजनैतिक विखंड़न ने कश्मीर मुद्दे का आगाज तो किया। मगर मुद्दे पर आपसी समन्वय दिन प्रतिदिन दूर होता जा रहा है।
कश्मीर की पुनर्वास योजना एक ऐसी ही योजना के रुप में प्रस्तुत की गयी। कांग्रेस शासन काल में चली यह योजना तब चर्चा में आयी। जब वर्ष २०१२-१३ में भारत- नेपाल की सोनौली सीमा पर सैकड़ों कथित पाकिस्तानी नागरिकों के आने का सिलसिला शुरु हुआ। आने वालों में महिला व बच्चे भी शामिल रहे।
जिन्हें भारत की सशस्त्र सीमा बल ने बाअदब संरछण में लेकर दिल्ली पहुंचाने का सिलसिला शुरु किया गया। फिर इन्हें कश्मीर सरकार की निगरानी में कश्मीर व घाटी में पहुंचाया गया।
पाकिस्तान से हवाई मार्ग से नेपाल आना और फिर भारत में प्रवेश करने यानी की पाकिस्तान से भारत आने के इस रूट प्रक्रिया पर सवाल उठ़े। जवाब भी कुछ़ ऐसे मिले कि यह देश की सुरछ़ा और गुमराह होकर पाकिस्तान चले गये कश्मीरी नागरिकों को वापस लाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। जवाब ही ऐसा रहा कि सवाल करने वाली पत्रकारिता भी चुप हो गयी।
मगर केंद्र में भाजपा सरकार आते ही वर्ष २०१४ में कश्मीरियों की पुनर्वास योजना बंद कर दी गयी। वही एसएसबी जो कथित पुनर्वासियों को बाअदब नेपाल सीमा से दिल्ली तक पहुंचाती थी। वह सीमा पर आये पुनर्वासियों को सोनौली सीमा पर ही कड़ाई से रोकने लगी। सैकड़ों कथित पाकिस्तानी कहें या कथिक कश्मीरी या फिर पुनर्वासी, सभी नेपाल वापस कर दिये गये। काफी हो हल्ला मचा।
इस पूरे मामले में उठे तमाम सवालों का कहीं से कोई अधिकृत जवाब नहीं आया।
कोई यह नहीं बता पा रहा कि पुनर्वास योजना के नाम पर कश्मीर में गये हजारों संदिग्ध कश्मीरी अब कहां है? नेपाल में वापस भेजे गये संदिग्ध कश्मीरियों को लोकेशन क्या है? और यह भी कि कश्मीरियों की पुनर्वास योजना बंद क्यों की गयी। क्या इस योजना में कोई भारी चूक तो नहीं हो गयी?

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