.मोदी मंत्रिपरिषद को देगें नया स्वरूप
मोदी मंत्रिपरिषद को देगें नया स्वरूप ।
नौ नए चेहरों को मंत्रिमंडल में किया जा सकता है शामिल
आई एन न्यूज नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार सुबह अपने मंत्रिपरिषद को नया स्वरूप देंगे। इस फेरबदल में नौ नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा रहा है। जिसमें उप्र से शिवप्रताप शुक्ला और सत्यपाल सिंह, बिहार से अश्विनी चौबे और आरके सिंह, राजस्थान से गजेंद्र सिंह शेखावत, कर्नाटक से अनंत कुमार हेगड़े, मध्यप्रदेश से वीरेंद्र कुमार, दिल्ली से हरदीप सिंह पुरी और केरल से अल्फांस कन्नथानम का नाम शामिल है।
इन नए मंत्रियों के लिए पहले ही सात मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं। जिनमें कलराज मिश्र, राजीव प्रताप रूडी, बंडारू दत्तात्रेय, संजीव बालियान, महेंद्र नाथ पांडेय, फग्गन सिंह कुलस्ते का नाम शामिल है। वहीं, स्वास्थ्य कारणों से उमा भारती के इस्तीफे की भी चर्चा थी, लेकिन उन्होंने इस पर कुछ भी कहने से मना कर दिया है।
मंत्रिमंडल में फेरबदल की कवायद गुरुवार से ही शुरू हो गई थी। तब पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कुछ केंद्रीय मंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों से मुलाकात की थी। इसके बाद सबसे पहले रूडी के इस्तीफे की खबर आई थी। इसके बाद एक-एक कर सात मंत्रियों के इस्तीफे की खबर आई लेकिन इसकी किसी ने पुष्टि नहीं की। शनिवार को कलराज मिश्र ने खुद इस्तीफे की बात स्वीकारते हुए बताया कि उम्र 75 वर्ष से ज्यादा होने के कारण उन्होंने इस्तीफा दिया है।
दो पूर्व आईएएस, एक पूर्व आईपीएस, एक पूर्व आईएफएस
शनिवार को घोषित सभी नाम पहली बार केंद्र की सरकार में मंत्री बन रहे हैं। इनमें आरके सिंह और अल्फांस पूर्व आईएएस, सत्यपाल सिंह पूर्व आईपीएस और हरदीप सिंह पुरी पूर्व आईएफएस रहे हैं। अल्फांस को दिल्ली में डिमॉलिशन मैन के रूप में याद किया जाता है। वहीं, आरके सिंह बिहार में लालकृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार करने के बाद चर्चा में आए थे। सत्यपाल सिंह मुंबई पुलिस के कमिश्नर रहे हैं। और बागपत से राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह को हराया था।
तीन दिन से चल रही मशक्कत
इससे पूर्व तीसरे फेरबदल से सरकार को ज्यादा युवा और ऊर्जावान बनाने के लिए मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को नाम तय करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। इससे असहज हुए पार्टी के कुछ दिग्गजों ने बकायदा संघ के दरबार में उपेक्षा को लेकर गुहार भी लगाई है। उधर, सहयोगी दल जद (यू) की ओर से कहा गया कि उन्हें इस फेर-बदल के बारे में कोई सूचना ही नहीं है।
जिन नौ चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा रहा है उनमें सहयोगी दलों का कोई भी नहीं है। ऐसे में मुमकिन है कि सहयोगी दलों के लिए कुछ मंत्री पद खाली रखे जाएं और उन्हें उन दलों के साथ मशविरे कर बाद भरा जाए।
रविवार सुबह दस बजे शुरू होने वाले कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नए मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे। इसमें भाजपा के कई नेताओं को तो मौका मिलना ही है, साथ ही माना जा रहा था कि राजग के नए सहयोगी जद (यू) और एआईएडीएमके को भी मौका दिया जाएगा। शनिवार शाम को जद (यू) अध्यक्ष और बिहार के मु यमंत्री नीतीश कुमार ने यह कह कर इस पर संदेह के बादल खड़े कर दिए कि उन्हें अब तक इसका न्यौता नहीं मिला है। एनडीए की सहयोगी शिव सेना भी फेर-बदल को ले कर सूचना नहीं होने की बात कह चुकी है।
बैठकों का दौर जारी
इस फेर-बदल को लेकर पार्टी के कुछ दिग्गज नेताओं ने अपनी बात संघ के सामने रखी है। इसके बाद देर शाम प्रधानमंत्री के आवास पर इस संबंध में शीर्ष स्तरीय बैठक बुलाई गई। इसमें पार्टी शाह और कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे। यहां सभी पक्षों की बात सुनकर कोई बीच का रास्ता तलाशे जाने की तैयारी की गई। इससे पूर्व शुक्रवार रात गृहमंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर भी एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। जिसमें वित्त और रक्षा मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी शामिल हुए थे।
उम्र की वजह से दिया इस्तीफा: कलराज
शनिवार को केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र ने कहा कि उनकी उम्र 75 वर्ष से ज्यादा हो गई है इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया है। इस्तीफे को उनके प्रदर्शन से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। इससे पहले शुक्रवार को बंडारू दत्तात्रेय ने इस्तीफे का एलान किया था। जबकि राजीव प्रताप रूडी सबसे पहले गुरुवार शाम इस्तीफे की बात स्वीकार कर चुके हैं।
इनके अलावा लगभग आधा दर्जन और मंत्रियों के इस्तीफे की खबर है। इनमें उमा भारती ने इस्तीफे की खबरों का यह कहकर खंडन किया है कि इस बारे में उन्हें कोई सूचना नहीं है। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को इस बारे में स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह भी किया। मगर इन सभी कयासों के बारे में पार्टी या सरकार की ओर से आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी जा रही है।