भक्त के बुलावे पर भागे चले आते हैं भगवान– पंडित आदित्य आचार्य
भक्त के बुलावे पर भागे चले आते हैं भगवान– पंडित आदित्य आचार्य
आई एन न्यूज़ नौतनवा डेस्क: “भक्त के एक बुलावे पर भगवान दौड़े चले आते हैं। भगवान के पास देने के लिए केवल सुख ही सुख है। बस सच्चे मन से धैर्य के साथ लेने वाला चाहिए।” ये विचार श्रीधाम वृंदावन से पधारे पंडित आदित्य आचार्य ने व्यक्त किए, जो नौतनवा के वार्ड नंबर 13, महेंद्र नगर में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के मुख्य वाचक हैं।
कथा के तीसरे दिन की कथा में यजमान शरद चंद्र जायसवाल एवं श्रीमती विद्यावती देवी ने भाग लिया। पंडित आदित्य आचार्य ने भजन की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भजन केवल गाने और बजाने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि सच्चा भजन वह है जो किसी के दर्द और पीड़ा को सुनकर उसका समाधान करने में सहायक होता है। उन्होंने श्रीमद् भागवत गीता के दो श्लोकों का उद्धरण देते हुए श्रोताओं को धैर्य और भक्ति का महत्व समझाया। उन्होंने कहा कि “किसी से ऐसी आशा लगाओ जो कभी टूटे ना और विश्वास केवल ठाकुर जी महाराज पर करो।”
पंडित आचार्य ने बताया कि श्रीमद् भागवत के 576,000 शब्दों में अनगिनत उपदेश और ज्ञान का खजाना समाहित है, जो जीवन को एक सकारात्मक दिशा में ले जाने में सहायक है।
शनिवार को इस पावन कथा का तीसरा दिन था, जबकि 15 नवंबर को इस सात दिवसीय कथा का पूर्णाहुति, हवन, प्रसाद ग्रहण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
महाराजगंज– उत्तर प्रदेश