हिंसक प्रदर्शन के बाद पूर्वराजा ज्ञानेन्द्र शाह की सरकारी सुविधाएं होंगी समाप्त?

हिंसक प्रदर्शन के बाद पूर्वराजा ज्ञानेन्द्र शाह की सरकारी सुविधाएं होंगी समाप्त?
आई एन न्यूज काठमांडू डेस्क: नेपाल सरकार ने हिंसात्मक प्रदर्शन भड़काने के आरोप में पूर्वराजा ज्ञानेन्द्र शाह की सभी सरकारी सेवाएं और सुविधाएं समाप्त करने तथा उनका पासपोर्ट रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह कदम दुर्गा प्रसाईं के नेतृत्व में शुक्रवार को हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद उठाया गया है, जिसमें सरकार विरोधी नारेबाजी के साथ सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया।
प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई, जिससे राजधानी में तनाव की स्थिति पैदा हो गई। सरकार का कहना है कि इस घटना की गहन जांच की जा रही है और यदि पाया जाता है कि पूर्वराजा ज्ञानेन्द्र शाह इस आंदोलन को किसी भी रूप में समर्थन दे रहे थे, तो उनकी सुरक्षा, पेंशन और अन्य विशेषाधिकार समाप्त कर दिए जाएंगे।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नेपाल सरकार देश में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। यदि कोई व्यक्ति या समूह देश की स्थिरता के खिलाफ कार्य करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस फैसले को लेकर नेपाल की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। पूर्वराजा ज्ञानेन्द्र शाह के समर्थकों ने सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया है, जबकि सरकार समर्थकों ने इसे कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी बताया है।
नेपाल में राजशाही को पुनः स्थापित करने की मांग पिछले कुछ समय से तेज हो गई है। पूर्वराजा के समर्थकों ने कई बार प्रदर्शन किए हैं, लेकिन इस बार हिंसा भड़कने के कारण सरकार ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है।
(संवाद सूत्र नेपाल)